ज़रा आहिस्ता बोलो दीवारों के कान होते हैं धोखा वो ही देते हैं जो अंजान होते हैं बारिशों के मौसम में हाल उनका पूछो जिनके मिट्टी के यहाँ मकान होते हैं दिल-फ़रेब है उसका वो जानता नहीं है दलीलों में उसके परवान होते हैं पेशानियों पर बोझ दिखता है उनके माँ-बाप के भी तो कुछ एहसान होते हैं आईने में सीरत किस को दिखती है यहाँ सूरत अपनी देखकर वो परेशान होते हैं ज़िन्दगी की तीरगियों में जीना सीखो 'सफ़र' अक्सर ज़िन्दा लोग यहाँ श्मशान होते हैं परवान- सबूत पेशानी- ललाट ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_195 👉 दीवारों के कान होना मुहावरे का अर्थ --- किसी गोपनीय बात के प्रकट हो जाने का खतरा। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)