मुझसे क्या मेरा हाल पूछोगे। पूछो क्या क्या सवाल पूछोगे।। बेचने मुफ़लिसी में घर मेरा। आये कितने दलाल पूछोगे।। मारकर आये हो किसी का हक़। मुझसे रिज़्के हलाल पूछोगे।। बैठकर ठंडे एसी कमरों में। तुम गरीबों के हाल पूछोगे।। गोधरा, मुम्बई,असम,मेरठ। और कितने बवाल पूछोगे।। उग गया पेड़ ये जो पत्थर पर। इसमें रब का कमाल पूछोगे।। बज़्मईशान ने अगर छोड़ी।। अब नहीं मेरा हाल पूछोगे।। ---ईशान अहमद #shayri