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गीत--तेरी याद दिला जाते हैं! ************

गीत--तेरी याद दिला जाते हैं!
         ****************

धवल चाँदनी धरे शीतकण,  तन मन को दहका  जाते हैं। 
   तेरी याद दिला जाते हैं...

चुभतीं ज्यों विषदंत हो गयीं।   
लगतीं  आज अनंत हो गयीं।
समय ओढ़कर  जो सोई थीं,
स्मृतियाँ    जीवंत   हो  गयीं। 
सुधियों के पर  मन पंछी को, जाने  कहाँ  उड़ा लाते हैं। 
तेरी याद दिला जाते हैं....

तिरछी नजरें चंचल चितवन। 
वह तेरी चिड़ियों सी चहकन।
रोमांचित   कर   देने   वाली, 
वह तेरी पल भर की बहकन। 
जाने क्यों मन के आँगन को, बीते दिन महका जाते हैं।
तेरी याद दिला जाते हैं.....

बरसों  बाद  दुबारा  मिलना। 
बिन बोले अधरों का हिलना। 
अनचाहे  भी  इक  दूजे  की, 
आँखों में आँखों का खिलना। 
पहला प्यार चाहकर के भी, आखिर कहाँ भुला पाते हैं?
तेरी याद दिला जाते हैं...

रचनाकार...#सुरेन्द्र #सिंह #झंझट सुरेंद्र सिंह "झंझट"जी का प्यारा सा गीत
गीत--तेरी याद दिला जाते हैं!
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धवल चाँदनी धरे शीतकण,  तन मन को दहका  जाते हैं। 
   तेरी याद दिला जाते हैं...

चुभतीं ज्यों विषदंत हो गयीं।   
लगतीं  आज अनंत हो गयीं।
समय ओढ़कर  जो सोई थीं,
स्मृतियाँ    जीवंत   हो  गयीं। 
सुधियों के पर  मन पंछी को, जाने  कहाँ  उड़ा लाते हैं। 
तेरी याद दिला जाते हैं....

तिरछी नजरें चंचल चितवन। 
वह तेरी चिड़ियों सी चहकन।
रोमांचित   कर   देने   वाली, 
वह तेरी पल भर की बहकन। 
जाने क्यों मन के आँगन को, बीते दिन महका जाते हैं।
तेरी याद दिला जाते हैं.....

बरसों  बाद  दुबारा  मिलना। 
बिन बोले अधरों का हिलना। 
अनचाहे  भी  इक  दूजे  की, 
आँखों में आँखों का खिलना। 
पहला प्यार चाहकर के भी, आखिर कहाँ भुला पाते हैं?
तेरी याद दिला जाते हैं...

रचनाकार...#सुरेन्द्र #सिंह #झंझट सुरेंद्र सिंह "झंझट"जी का प्यारा सा गीत