आधी आग और आधा पानी हम दोनों जलती-बुझती एक कहानी हम दोनों मंदिर मस्जिद गिरिजा-घर और गुरुद्वारा लफ़्ज़ कई हैं एक मआ'नी हम दोनों ज्ञानी ध्यानी चतुर सियानी दुनिया में जीते हैं अपनी नादानी हम दोनों नज़र लगे ना अपनी जगमग दुनिया को करते रहते हैं निगरानी हम दोनों आधा आधा बाँट के जीते रहते हैं रौनक़ हो या हो वीरानी हम दोनों ख़्वाबों का इक नगर बसा लेते हैं रोज़ और बन जाते हैं सैलानी हम दोनों तू सावन की शोख़ घटा में प्यासा बन चल करते हैं कुछ मन-मानी हम दोनों इक-दूजे को रोज़ सुनाते हैं 'दानिश' अपनी अपनी राम-कहानी हम दोनों ~Madan Mohan Danish #love #Madanmohandanish #Zindagi #famous #Shayar