ऐसा लगता है आया है मौसम मुझे छोड़ने का बना है रास्ता मुझसे मुह मोड़ने का हूँ मैं बदनसीब, पता है मुझे कोई जरूरत नहीं तुम्हें, मुझे एहसास करवाने का पता था जरूर बनेगा ये दस्तूर की वो ढूँढेंगे बहाने मुझसे किनारा करने का ठिक है! जाओ तुम नहीं करना मुझे विवश मेरे पास रुकने का वेसे भी नहीं खिल पाता है वो फूल जिसमे नहीं होता पानी विस्वास का ।। ऐसा लगता है आया है मौसम मुझे छोड़ने का बना है रास्ता मुझसे मुह मोड़ने का हूँ मैं बदनसीब, पता है मुझे कोई जरूरत नहीं तुम्हें, मुझे एहसास करवाने का पता था जरूर बनेगा ये दस्तूर की वो ढूँढेंगे बहाने मुझसे किनारा करने का ठिक है! जाओ तुम नहीं करना मुझे विवश मेरे पास रुकने का