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जब कोई भूखा कहता है आज रोटी दो, मुझे रोटी दो तो वो

जब कोई भूखा कहता है आज
रोटी दो, मुझे रोटी दो
तो वो उससे पूछते हैं
जीने का मतलब क्या केवल रोटी होता है?
पता ही नहीं चला
कब सत्ता के दलालों ने
लोकतन्त्र के नाम पर रोटी की बहस को
बदल दिया विकास की बहस में।
अब देश मे लॉकडाउन लगा है
तुम्हें, मूर्ख ! तुम्हें बचाने के लिए
और तुम्हें रोटी की पड़ी है
जब जीवन ही नहीं होगा
तो रोटी का क्या करेगा
तू बचेगा भी या नहीं, पता नहीं?
हम सुरक्षित रहेंगे
और हमारे खज़ाने भरे रहेंगे
हम रोटी के बिना ज़िन्दा रहते हैं
वह और बात है कि हम जीते जी मरे हुए हैं।।

#Covid19India #farzirashtrawad #COVIDSecondWave #roti

©MANJEET SINGH THAKRAL जब कोई भूखा कहता है आज
रोटी दो, मुझे रोटी दो
तो वो उससे पूछते हैं
जीने का मतलब क्या केवल रोटी होता है?
पता ही नहीं चला
कब सत्ता के दलालों ने
लोकतन्त्र के नाम पर रोटी की बहस को
बदल दिया विकास की बहस में।
जब कोई भूखा कहता है आज
रोटी दो, मुझे रोटी दो
तो वो उससे पूछते हैं
जीने का मतलब क्या केवल रोटी होता है?
पता ही नहीं चला
कब सत्ता के दलालों ने
लोकतन्त्र के नाम पर रोटी की बहस को
बदल दिया विकास की बहस में।
अब देश मे लॉकडाउन लगा है
तुम्हें, मूर्ख ! तुम्हें बचाने के लिए
और तुम्हें रोटी की पड़ी है
जब जीवन ही नहीं होगा
तो रोटी का क्या करेगा
तू बचेगा भी या नहीं, पता नहीं?
हम सुरक्षित रहेंगे
और हमारे खज़ाने भरे रहेंगे
हम रोटी के बिना ज़िन्दा रहते हैं
वह और बात है कि हम जीते जी मरे हुए हैं।।

#Covid19India #farzirashtrawad #COVIDSecondWave #roti

©MANJEET SINGH THAKRAL जब कोई भूखा कहता है आज
रोटी दो, मुझे रोटी दो
तो वो उससे पूछते हैं
जीने का मतलब क्या केवल रोटी होता है?
पता ही नहीं चला
कब सत्ता के दलालों ने
लोकतन्त्र के नाम पर रोटी की बहस को
बदल दिया विकास की बहस में।