वक्त की रेत सा, जो छूट गया हाथों से पकड़ना चाहा उसे, पर पकड़ ना सके जो खो दिया एक बार ज़िंदगी में हमने चाह कर भी उसे दुबारा हम पा ना सके जो वक्त बीत जाता है एक बार वो फ़िर से खुद को दोहराता नहीं है जितना भी रोकना चाहो उसे वो किसी भी हाल में रुकता नहीं है जो भी मिलता है समय हमें क्यूँ ना उसका सदुपयोग किया जाए क्यूँ ना ज़िंदगी को आज हँसते मुस्कुराते खुल कर जी लिया जाए #Creativityक़ल़मकी #GATCCprompts #GATCCprompth21 #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with Creativity क़ल़म की