मुझे नहीं कहना कुछ भी.... तुम समझ पाओ तो समझ जाना... ज़ज्बात है बिखरे पड़े... उठा पाओ समेटकर तो उठा लाना... क्या मैं इश्क का नाम लू बार - बार... इश्क है कोई खेल थोड़े ना... जों पड़े बार बार समझाना।। ©Raghavendra Singh #ishq#jajbat#raghawquote #PoetInYou