तेरे करीब- बेनामी कई-कई रिश्तों की गुमनाम मौतों पर मातमी सन्नाटों के बरक़्श दफ्न कर दी गई लाशों की उठकर टहलती खौफ़नाक सदाएँ मेरे दिमागी ख़ालीपन में जब्त सन्नाटे को यक़सां भर-भर जाती हैं और... तुम्हारे कान के परदे फट पड़ते हो जैसे इन्हीं सन्नाटों की गूँजों से....!! @manas_pratyay ©river_of_thoughts #सन्नाटे