उठा धनुष और चढा प्रत्यंचा, तेरी वो टंकार अभी बाकी है। आंख मूंद कर बैठ न जाना, जयचंद का परिवार अभी बाकी है। #गद्दार, #मां #भारती, #हरियाण, #मेरादेश