वो चीढ़ों की हवा... यूँ सुना कर उनका पैग़ाम, बेसब्र कर गई वो चीढ़ों की हवा अब उनसे मिलने को जब मैंने कहा चलो चलता हूँ उनसे मिलने, ये झूम के गाने लगी, शोर मचाने लगी, मैंने कहा श...। ज़रा आहिस्ता चल ए हवा, कि इन पत्तियों को, पंछियों या नदी को ख़बर हो गई मेरे जाने की तो ये यूँ ही मुझे क़ैद कर रख लेंगी अपने पास, किसी महबूबा सा इश्क़ करने लगेंगी ज़माना मुझ पर लगाएगा बेवफ़ाई की तोहमतें, बस इतना कहना था कि वो चंचल हवा मुझसे पहले उन्हें ये ख़बर दे आई कि लौट रहा हूँ मैं, लौट रहा हूँ मैं.... "वो चीढ़ों की हवा..." - 3 #nojoto #love #nojotohindi #nojotopoetry #Aavaaraa #poetry #kavita #thoughts