#अब_है_ठान_लिया इस चहरे पे है धूल लगी, सर भी फूटा ये मान लिया, लाख ठोकरे खाई हैं, हर बार गिरे है मान लिया, गालों पे इन कष्टों के पल पल थप्पड़ भी खाए हैं, की गिर गिर के जबड़ा टूटा ये भी हमने है मान लिया, रुक रुक के सांसे उखड़ रहीं धड़कन भी बेकाबू सी है लो ये भी मान लिया।। माना की है टूट गया मैं देखो पूर्ण बदन सहित अंतर्मन से, लेकिन मैं हार जाऊं ऐसा मैने माना नहीं, गिर गिर कर फिर उठ जाऊंगा, लडूंगा, उठूंगा, गिरूंगा मैं, पर फिर से मैं उठ जाऊंगा।। लाख अंधेरे घेरे हो पर ये अंधेरे कोई अनंत नहीं, रोशनी ढूंढ के अपने लिए मैं कहीं से भी ले आऊंगा, जो कहते है कुछ बचा नहीं कह दो उनसे तुमने देखा अभी कुछ नहीं, अभी भी गिर के उठकर एक रोशनी भींची है इन हाथों में।। जाओ यारों पिटवा दो ढोल हर डगर चौराहे पे, कि गिर के उठ ना सकूं,मै इतना भी निर्बल नहीं, और मेरा गिरना यारों मेरा है कोई अंत नहीं, उठ कर फिर से मैं खुद ही खुद की रोशनी बन जाऊंगा।। अब इस भींची मुठ्ठी की रोशनी से ही अपना संसार जगमगाऊंगा, जाके कह दो सबसे की मैं दुगनी तेजी से आऊंगा, जो गिर के उठा हूं मैं अबकी तो तूफान सा वापस आऊंगा, सबको अपने आने का अब एहसास दिलाऊंगा, कि ये अब हैं ठान लिया... तो बस है देखो ठान लिया... ©Shivendra Gupta 'शिव' #bestfrnds