माँ का आँचल मै तेरा कान्हा तो नहीं पर मेरी यशोदा तुम हो एक बेटा मै हूं एक मां तुम हो। जो कभी कुछ कैहती नहीं हर ताप सहती है मेरे लिए कभी वृक्ष तो कभी बादल बनती है ऐ मां मै तेरा राम तो नहीं पर मेरी सुमित्रा तुम हो एक बेटा मै हूं एक मां तुम हो। जब ठहर जाती है घरी की सूइयां तु चलती है सूरज के निकलने से पहले तू जगती है खुद भूखी रहकर मेरी भूख मिटाती है ऐ मां इतनी ममता तू कहां से लाती है। मै जो कभी तेरी तुलना कर सकू इतनी मेरी औकात नहीं हां ये सच है मै तेरा बेटा तो नहीं लेकिन मेरी मां सिर्फ तुम हो मै तेरा कान्हा तो नहीं पर मेरी यशोदा तुम हो। #मांकाआंचल#nojoto#nojotowriters#nojotoहिंदी