दुनिया से जब कभी मायूस हो जाए मेरे यार, बदहवासी, बदहाली, तुझे सताए मेरे यार, मज़बूरी जब एक आदत हो, ज़िंदगी यूं ही बेकार लगे, बिना चापलूसी के घर तेरा, ना चल पाए मेरे यार, घिरा रहे तू मतलबी दुनिया की भीड़ में हरदम, भीड़ में हो कर भी तुझको, सब लगे पराए मेरे यार, कुछ न सोचना, न समझना, सब फ़िजूल लगेगा, चले आना तू गांव अपने, बस्ता पुराना उठाए मेरे यार, अपने जन्मभूमि की मिट्टी, एक अलग ही सुगंध देती है, उसी मिट्टी में आ सोना फिर से उगाए मेरे यार, न तंग गलियां हो, न ही नए ज़माने के सूरज, चाँद सितारे, खुले आसमान में सर अपना, तू फ़क्र से उठाये मेरे यार, ये हवाएं, ये घटाएं, ये मौसम, ये वादियां सब कितने आम हैं, आ इन्हें भी मिलकर ख़ास बनाए मेरे यार, जो बुढ़े बच्चों को छोड़ आया, उनकी खुशी खरीदने की ख़ातिर, देखें तुझे जो एक बार, तो दिल उनका भी भर जाए मेरे यार, अपना राज-पाट सब भुल कर, बन गया किसी का अरदास, लौट वापस तू गांव अपने, बस्ता वही पुराना उठाए मेरे यार।।। #2ndquote #love #apnadesh #nojoto