#बावला सा रहता है मन तेरे #इन्तज़ार में न जाने कैसा नशा है #कम्बखत इस #प्यार में । एक #डोर सी है ..तेरे मेरे #दरमियां , जो बनती है #उलझती है..#सुलझती है मगर #टूटती कभी नहीं !! झरना ©Jharna Mukherjee #Path