इंतज़ार के दरख़्त जो उग आये हैं आँखों में तन्हाईयों के बोझ तले झुक झुक के बस टूटने को हैं सब्र के बाँध दरकने को हैं............ उम्मीदों की शाख़ पे तेरे दीदार के फूल कब आयेंगें....... #preet_lakhi #Fire #preet_lakhi #Nojoto #nojotohindi #Poetry #Love