देखने मे तो वैसी ही है,पर अब वो वैसी नहीं रही , घर जाता हूँ , तो हाल चाल पूछती है, बातों ही बातों मे पूछ लेती है घर आने का सबब भी... बेसाख्ता पहले सा बात-बेबात खिलखिलाती नहीं, बस कुछ पूछो तो मुस्कुरा देती है सूनी आंखो से, यूं तो गलतियाँ मैं अब भी हज़ार करता हूँ, पर अब वो मुझसे रूठती नहीं ... जाने क्यों, पर अब वो रूठती नहीं....... ~सुगंध #regrets #अधूरा_किस्सा