मान लिया था तुम्हे दुआ अपनी इबादत की, क्या पता लग जाएगी इस दुआ की आदत सी, कभी होती थी इस दिल में भी तस्वीर तेरे चेहरे की, क्या पता थे हो जाओगी गुम, उठते ही नींद से ख्वाब सी, की कैसे बयान करूँ अब हालत - ऐ - दर्द इस दिल की, न रहेगी पेहले जैसी अब, हो गयी है ज़िन्दगी जो तब्दील सी.. ©Gitesh Grover #twentythirdquote #Nojoto #Shayari #Dua #ibadat #Quotes #गीतekनज़राना #tabdeeli