कल तक जो फुलों की कली थी, आज सुंदर बाग बन गयी। नन्हे नन्हे कदमो से चलकर, सांखला कुल की शान बन गयी। हुआ रौशन दोनो घर का आंगन, संस्कारो की बीज बन गयी। गुलेच्छा कुल से आयी सीमा, गौरव उपवन की गरिमा बन गयी। तुम जो आये जिन्दगी मे, तो बात बन गयी। ©Gaurav Sankhala #nadanparinda #Love #wife #nadanparinde #WatchingSunset