खुश था, नन्हें को मां देकर सारी दुवाओं को आंचल में समेटकर रब तू रचयिता कमाल है रच के मां को, अब करता मलाल है धोखा उसका मिटाए नहीं मिटता वो भी "मां" से बढ़कर क्या लिखता उसके हाथों में अब कहां..? तीर-कमान है बना कर के "मां" वो खुद कंगाल है। ©Poetess Sonika #MothersDay2021 #poetess_sonika_tanwar_svra #poemkiduniya #nojotohindi #nojotonews #nojotoenglish #nojotowuotes