राजधर्म जनकराज के वैभव में जो पली बढ़ी थी सदा वो सीता राम तुम्हारे साथ खड़ी थी तुमने तो संघर्ष किया सेना के संग सिया अकेली पल प्रतिपल रावण से लड़ी थी जनमत की खातिर या विद्रोह के डर से गर्भवती पत्नी को निकाला तुमने घर से इक दिन तो खुलना ही होगा सिंहासन के गूढ़ मर्म को इतिहास कभी न क्षमा करेगा राम तुम्हारे राजधर्म को ! @धर्मेन्द्र तिजोरीवाले "आज़ाद" #राजधर्म