मां बाप ने जो देखा सपना उनको बनाने चला मैं अपना घर को चल दिए छोड़कर सोचा था हर रिकॉर्ड तोड़कर उन ख़्वाबों को पूरा करना है जिन ख़्वाबों का मैं हकदार हूं हां! सच में मैं बेरोजगार हूं। पापा ने तो था कर्ज लिया बेटे न भी जी जान लगा दी रात और दिन एक कर दिया ख्वाहिशों में अपने आग दी अपने मेहनत के साथ लड़ा ख़ुद के प्रति ईमानदार हूं हां! सच में मैं बेरोजगार हूं। तैयारी तो ख़ूब करी थी पर जब अाई एग्जाम की बारी सरकार ने बात फंसा दी घरवालों के सपनों का मैं इकलौता खेवन हार हूं हां सच में मैं बेरोजगार हूं। "चंचल" #unemployement#बेरोजगार #reading