खतरनाक हो चला है किरदार मेरा कैद रहता है अंदर कुछ न कहता है सिसकता है जैसे बंदर मदारी का जमाने के आगे नाचता है जी भर के तन्हाई में जंजीर पकड़ कर रोता है मैं न था पहले से ऐसा,न बंदर मदारी का मैंने कब चाहा था एहसान मदारी का चाहत है कि आज़ाद रहूं मैं भी ख़ुदा कब तलक खेलेगा खेल मदारी का टूट रहा हूँ कतरा-कतरा अंदर से अब तो सब्र कब तक बचा पाएगा किरदार मेरा। दुनियां बनाने बाले क्या तेरे मन में समाई .....! #मदारी #किरदार #जंजीर #खुदा #yqdidi #yqhindi