जानते हैं हम दर्द का मोहब्बत से रिश्ता पुराना है, लेकिन दर्द के बिना मोहब्बत का अधूरा फसाना है। कैसे कह दें हम कि हमको तुमसे मोहब्बत नहीं है, तेरे इश्क़ के गलियारे में मेरा रोज का आना जाना है। गर सच्चा हो यार और सच्ची हो उसकी मोहब्बत तो, मोहब्बत के कदमों में ही झुकता ये सारा जमाना है। मोहब्बत आंँखों से होकर सीधे दिल में उतर जाती है, ये दो जिस्मों का नहीं दो दिलों का दिल से याराना है। मोहब्बत करना करके निभाना सबको नहीं आता है, ये सबके नसीब में नहीं होती ये खुदा का नजराना है। खुशनसीबों के दिल में मोहब्बत के जज्बात होते हैं, हर किसी का दिल गाता नहीं मोहब्बत का तराना है। ♥️ Challenge-599 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।