बालि की त्रास कपीस बसै गिरि जात महाप्रभु पंथ निहारो। चौंकि महा मुनि साप दियो तब चाहिय कौन बिचार बिचारो। कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु सो तुम दास के सोक निवारो। को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥