मेरे यार... याद आते हैं वो यार जिनके साथ में बहुत मस्ती की क्लास बंक करके , ना पढ़ने की जोर-जबरदस्ती की कुछ तो बहुत पढ़ाकू , तो कुछ थोड़े-से लड़ाकू थे पर हम सब ने आपस में दिल खोलकर दोस्ती की कुछ थे , जो बुरा बहुत जल्दी मान जाते थे पर जितनी जल्दी बुरा मानते, उतनी जल्द मान भी जाते थे कुछ तो ऐसे भी थे जो हमेशा मुस्कुराते थे और कुछ थे जो सीधा रोने पै उतारू हो जाते थे थोड़ी-सी नौक-झौक तो हर एक रिश्ते में होती है पर हर एक उलझन को हम साथ मिलकर सुलझाते थे -: Durgesh Jayam #dkpatelpoetry #durgeshjayam