#OpenPoetry तुम मुझको यूँ ही नज़रअंदाज़ करते रहना। तुम मुझको यूँ ही नज़रअंदाज़ करते रहना। जब तुम्हें भी मुझसे इश्क़ हो जाए, तब आँखे चार करना।