के फरेब को जाने दो यार क्या रखा है कमरे की उस मेज तक जाआे तो वहाँ तिरा ज़िक्र रखा है जमाना ये जानता है के तू अच्छा है इसीलिए छुपाके तेरा हर सितम रखा है बेशक दर हकीकत अलग राहें है अपनी, मगर मेरे नामें में मैंने हमको बहम(साथ) रखा है कोई मुझे हंसाने की कोशिश में रो देता है ऐसा लगता है जैसे गम को मैंने पहन रखा है और , कोई समझ नहीं पाता है मुझको तेरे बाद इतना खामोश मैंने अपना कहन रखा है #इबादत✍ #RDV19 #nojotoindia #नामुकम्मल हरफों की मौजूदगी