कभी नादानियों मे, तुम मुझे डाटना कभी नाराज़गी मे, आकर मुझे गले से लगाना कभी बेचैनियों मे,आकार मेरी हाथों को थामना जब सरफिरी सी लगने लगूं मैं, मुझे अपना ही तुकडा समझ कर मुसकुरा देना। नजर न लग जाए दुनिया की , मेरी नजरों मे अपनी नजरों से कुछ ऐसा जादु चला देना। #nitima#musings#love#diary