#प्रतिक्षा स्थिर तन चंचल मन, अडिग प्रतिक्षा की लगन; शम्भू जैसे पाने को गौरा संग, कृष्णा ज्यों व्याकुल राधा बिन ज्यों धीरज खोएं राम सिया बिन ज्यों तकता चकोर चन्द्रमा को ज्यों सूरजमुखी मुडे सूरज पर ज्यों प्यासी धरणी बरखा को ज्यों मृग ढूंढे कस्तूरी को स्थिर तन चंचल मन अडिग प्रतिक्षा की लगन एक दूजे बिन रहें अधूरे मन में लिए एक अटल सा प्रण