मेरी बातों को चुप चाप कैसे सुन लेते हो तुम, मैं तो अपनी दिल की बाते हूँ बताता मगर, तुम अपना दर्द खामोसी में कैसे छुपा लेते हो तुम, ज़हर से भी कड़वी होती है बातें मेरी अक्सर, उसे शहद समझ कर कैसे पचा लेते हो तुम, रिस्तो को निभाना तुम जानती हो अच्छे से, और हर रिश्ता निभा भी लेते हो तुम,, जीतने भी देती हो खुद को हरा के, ये कैसा है प्यार तुम्हारा, भले मैं जीता हुँ तुमसे सब कुछ, मगर तुमसे ही मैं सबकुछ हारा,,।। तुमसे ही मैं सब कुछ हारा,, #love #mohabbt #devraj