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नजाने कहा कमी थी...किस दुःख का भोज था दिल मै... ऐस

नजाने कहा कमी थी...किस दुःख का भोज था दिल मै...
ऐसा क्या दर्द था जो संभला नहीं तुमसे...?
खाश लोगो ने समझा होता तेरी हसी के पीछे का दर्द...
वो दर्द भरा पल कितना डरावना होगा...
जब तूने लगाया मौत को गले होगा..।
माफ़ी चाहूंगी मै ज्यादा बयान नहीं कर सकती...
अपने जज़्बात मै...
क्युकी शायद अभी मेरे दिल ने माना ही नहीं के तुम अब रहे नहीं...। 💔
-SaWiwrites ❤️✍🏻 नजाने कहा कमी थी...किस दुःख का भोज था दिल मै...
ऐसा क्या दर्द था जो संभला नहीं तुमसे...?
खाश लोगो ने समझा होता तेरी हसी के पीछे का दर्द...
वो दर्द भरा पल कितना डरावना होगा...
जब तूने लगाया मौत को गले होगा..।
माफ़ी चाहूंगी मै ज्यादा बयान नहीं कर सकती...
अपने जज़्बात मै...
क्युकी शायद अभी मेरे दिल ने माना ही नहीं के तुम अब रहे नहीं...। 💔
नजाने कहा कमी थी...किस दुःख का भोज था दिल मै...
ऐसा क्या दर्द था जो संभला नहीं तुमसे...?
खाश लोगो ने समझा होता तेरी हसी के पीछे का दर्द...
वो दर्द भरा पल कितना डरावना होगा...
जब तूने लगाया मौत को गले होगा..।
माफ़ी चाहूंगी मै ज्यादा बयान नहीं कर सकती...
अपने जज़्बात मै...
क्युकी शायद अभी मेरे दिल ने माना ही नहीं के तुम अब रहे नहीं...। 💔
-SaWiwrites ❤️✍🏻 नजाने कहा कमी थी...किस दुःख का भोज था दिल मै...
ऐसा क्या दर्द था जो संभला नहीं तुमसे...?
खाश लोगो ने समझा होता तेरी हसी के पीछे का दर्द...
वो दर्द भरा पल कितना डरावना होगा...
जब तूने लगाया मौत को गले होगा..।
माफ़ी चाहूंगी मै ज्यादा बयान नहीं कर सकती...
अपने जज़्बात मै...
क्युकी शायद अभी मेरे दिल ने माना ही नहीं के तुम अब रहे नहीं...। 💔