दूर जाने के कई तुझपे बहाने होंगे। पर मेरे ख़त भी तुझे सारे जलाने होंगे।। छोड़कर आएगी सबकुछ ये कहा था तूने।। दो क़दम तेरी तरफ मुझको बढ़ाने होंगे।। मुझसे मिलना हो कभी फिर,तो सँभलकर मिलना। तुझको आदाबे जफ़ा सारे निभाने होंगे।। मुझपे क़ुर्बान तू कर सारी जवानी अपनी । तब कहीं जाके तेरे होश ठिकाने होंगे।। तुमको खाना है अगर प्यार में धोखा यारों। कुछ हसीं नाज़ तुम्हें सर पे उठाने होंगे।। मुझको जज़्बात की ग़ैरत नहीं रोने देती। मेरे जैसे भी कहाँ यारो दिवाने होंगे।। तू अगर साथ मेरा दे तो बदल दूँ दुनिया। हर कहीं गूँजते अपने ही तराने होंगे।। ख़ुद भी देखेगा तो ईशान तड़प जायेगा। ज़ख्म ताज़ा जो कभी मेरे पुराने होंगे।। ----ईशान अहमद #bewfashayri