कहानी यूँ मुकम्मल नहीं होती सिर्फ़ गवारा करके हम ने खुद को बरबाद कर लिया तुमको इशारा करके ए इश्क था क्या भरम मेरा , कुछ समझ नहीं पाया उसने दिखा दिया मेरे बगैर गुजारा करके ए जालिम सवाल अभी तक दिल से उतरा नहीं कैसे खुश रहते हैं बेटे, माँ को बेसहारा करके कम से कम मुझे दुश्मन तो पता चल गए अच्छा ही किया मैंने दोस्तों से किनारा करके - स्वप्निल माने #heartshayari