आ देख, मुझ से रूठ जानेवाले तेरे बगैर दिन भी गुज़र गया,शब ए गम भी गुज़र गयी #बाक़ी सिद्दकी आयी फिर न नज़र कहीं, जाने किधर गयी उन तक तो साथ गर्दिश ए शाम ओ सहर गयी