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बदलते बदलते आशियाना अपना थक गए हैं हम नहीं मिली मं

बदलते बदलते आशियाना अपना थक गए हैं हम
नहीं मिली मंजिल अब तक नहीं मिला घर
कब तलक लिखा है भटकना मेरी तकदीर में
ना खुदा जाने ना जाने हम 

  कृपया अनुशीर्षक पूर्ण पढ़ें।

√आज का विषय है ' आशियाना ' ।

√ आज के हमारे ' मंच प्रमुख ' है Jayshree Chatterjee  जी।

√ आपको अपनी रचना दो पंक्तियों में लिखनी है।
बदलते बदलते आशियाना अपना थक गए हैं हम
नहीं मिली मंजिल अब तक नहीं मिला घर
कब तलक लिखा है भटकना मेरी तकदीर में
ना खुदा जाने ना जाने हम 

  कृपया अनुशीर्षक पूर्ण पढ़ें।

√आज का विषय है ' आशियाना ' ।

√ आज के हमारे ' मंच प्रमुख ' है Jayshree Chatterjee  जी।

√ आपको अपनी रचना दो पंक्तियों में लिखनी है।