तेरी मामूली सी बातों में, न-मामूली सा प्यार छुपा है | खामोश गहरी आँखों में, मीठा सा इकरार छुपा है | न तुमने कोई कसमें दी, न मैंने कोई अहद किया | मगर दोनों के दरमियाँ, अनकहा सा ऐतबार छुपा है | तेरी मामूली सी बातों में, न-मामूली सा प्यार छुपा है… दो जिंदिगियाँ वैसे तो, हर लम्हा मुसलसल हैं | दो दिलों में लेकिन, जिंदिगी सा इंतज़ार छुपा है | तेरी मामूली सी बातों में, न-मामूली सा प्यार छुपा है…