सांसों की धुन पर थिरक बैठे कदम मेरे कंही कंही पर लड़खड़ाए कंही ऊँची छलांग लगाए कदम मेरे कुछ खुशी दे गए कुछ हंसी दे गए वो अपने चहरे देख कर वंही थम गए कदम मेरे कुछ ने दिए ज़ख्म गहरे जो भर ना पाए कुछ ऐसे राज़ जो कभी खुल ना पाए धोखा खाने के बाद अब किसी के घर ठहरते नही मेरी सुनते नही अपनी मनमानी करते है कदम मेरे सुप्रभात। साँसों की धुन पर गीत ज़िन्दगी के गाएँ। #साँसोंकीधुन #yqdidi #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi #terasukhi #terasukhiquotes #sukhi56walaquotes #poetry