" ये वक़्त फिसल रहा, न कुछ किया न कुछ कहा, हर दर्द , हर सितम सहा, इश्क़, यारी, महोब्बत बेइंतेहा, कोई जाए तो कह दो वहा, ये वक़्त फिसल रहा, न कुछ किया न कुछ कहा " #ishq #pyar