बचपन और नए कपड़े कितने अच्छे थे वो कपड़े जिनको घर लाते ही पहनने को मन करता था कब उन कपड़ों को पहनने का मौका मिलेगा इंतजार ये रहता था कभी कभी तो सपना भी उन कपड़ों का आ जाता था दोस्तों को कपड़े दिखने में कितना मजा आता था नये कपडे पहनने के बाद खुद को देखे रहने का मन करता था कोई हमारे कपड़े जो छुए तो उसपर गुस्सा आता था कितना अच्छा लगता था जब कोई नए कपड़े लाता था। #वो ही नये कपड़े सबसे अच्छे थे