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नक़ल करते थे हम भी बचपन में बाबूजी की चप्पल पहन कर

नक़ल

करते थे हम भी बचपन में
बाबूजी की चप्पल पहन कर
लाठी से आँगन टुकटुका कर
दादी को निराले लगते थे
कभी घर की बैठक में
मेहमानों को लोटपोट किया
प्रफुल, हंसा, हृतिक और धर्मेंद्र बने
पर उतने ही छोटे और बुद्धू रहे
परीक्षा में छुप कर करते थे
और घर में खुले में
पर जब से ये कलम आयी हाथ में
और शब्दों की कमान है थामी
तो भी नक़ल करते हैं हम
बस अपने ख्यालों की
ये शब्द जो लिखते हैं हम
नक़ल करते हैं सवालों की
कुछ सवाल जो दिल में हैं
कुछ सवाल जो बाकी हैं
आज बस नक़ल करते हैं
तो तालियां ही बटोरते हैं
क्योंकि अब वो हमारी खुद की है
क्योंकि वो अब हमारी सादगी है क्योंकि नक़ल सिर्फ लोगों की नहीं होती 

नक़ल

करते थे हम भी बचपन में
बाबूजी की चप्पल पहन कर
लाठी से आँगन टुकटुका कर
दादी को निराले लगते थे
नक़ल

करते थे हम भी बचपन में
बाबूजी की चप्पल पहन कर
लाठी से आँगन टुकटुका कर
दादी को निराले लगते थे
कभी घर की बैठक में
मेहमानों को लोटपोट किया
प्रफुल, हंसा, हृतिक और धर्मेंद्र बने
पर उतने ही छोटे और बुद्धू रहे
परीक्षा में छुप कर करते थे
और घर में खुले में
पर जब से ये कलम आयी हाथ में
और शब्दों की कमान है थामी
तो भी नक़ल करते हैं हम
बस अपने ख्यालों की
ये शब्द जो लिखते हैं हम
नक़ल करते हैं सवालों की
कुछ सवाल जो दिल में हैं
कुछ सवाल जो बाकी हैं
आज बस नक़ल करते हैं
तो तालियां ही बटोरते हैं
क्योंकि अब वो हमारी खुद की है
क्योंकि वो अब हमारी सादगी है क्योंकि नक़ल सिर्फ लोगों की नहीं होती 

नक़ल

करते थे हम भी बचपन में
बाबूजी की चप्पल पहन कर
लाठी से आँगन टुकटुका कर
दादी को निराले लगते थे
calmkazi6439

CalmKazi

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