गुज़ारिश (ग़ज़ल) आँखों में जल रहा है बुझता नहीं ये कैसा धुआँ है, जाने कौन है वो जो दे रहा मुझको यूँ बद्दुआ है। दिल टूटा है मेरा और मेरी आंँखें भी सदा नम हैं, ना जाने मेरी जिंदगी में अभी और कितने गम है। छुपाकर गम को हम हमेशा ही मुस्कुराते रहते हैं, जाने किससे क्यों हम खुद को ही छुपाते रहते हैं। बहुत दर्द हैं जिंदगी में कभी किसी से नहीं कहा, जाने कौन है वो जो मेरे दर्द को सरेआम कर रहा। टूटा जो दिल मेरा प्यार से मेरा भरोसा उठ गया, जाने क्यों वो दिल मेरा तोड़के खुद ही रुठ गया। एक गुज़ारिश है कि तुम कभी मुझको न भुलाना, पास रहो चाहे दूर रहो बस दिल के करीब रहना। "एक सोच" के दिल की तमन्ना है तू सदा खुश रहे, मेरे साथ ना सही जिसके साथ रहे सदा आबाद रहे। #HappyBirthdayYQ #HBDYQ #HBDYQ3 #गुज़ारिश #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़