लोग इशारों में हमें ज़लील करते हैं, हम समझें भी, ये उम्मीद रखते हैं, और तकाज़ा बाख़ूबी है उन्हें हमारी तमीज़ का, जो पीठ पीछे हमें बत्तमीज़ कहते हैं। #dearsdare #tamizh #jalil