ख़ुश्क रहा क्योंकि रवानी दिन के उदय के साथ चढ़ी, दोपहर उमस भरी रही जैसे द्वन्द के वक़्त व्यक्तियों के शोणित में होता है पर शाम जैसी भी हो सुहानी लगती है क्योंकि ये वो बेला होती है, जब घर की याद आती है क्योंकि ज़िंदगी का सुकून अपनों के बीच ही तो होता है। ©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " #जीतकीनादानकलमसे #बेला #मौसम #AajMausam