बस इतनी सी कहानी थी एक निर्माणधीन राष्ट्र की, एक समाज था, जो बंटवारे के हर उबलते पैमाने के चरम आ चुका था ,, एक सियासत थी, जो हर दौर से भी निचले स्तर पे आ चुकी थी! और मानो केवल एक महामारी ही थी, जिसने दर का ही सही पर सबमे एक जैसा भाव जगाया ! पर हां एक बीते हुए सुनहरे कुछ मौके थे और एक ऐसे, कल की उम्मीद ,जिसमे कुछ धुँधला ही सही पर उम्मीद है ! बस चलते हैं क्युकी उस पार कुछ तो नया होगा !! ek rashtra ki vyatha #inida #Politics #corona #thought