*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“24/12/2021”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 देखिए “प्रसाद” जो है वो सभी को दिया जाता है किंतु इसका “उपयोग” कैसे करना है यह व्यक्ति पर “निर्भर” करता है आपको एक उदाहरण देता हूं “दो व्यक्ति” है दोनों को मैंने एक-एक “माटी का ढेर” दिया उसका वह क्या करते है ? एक व्यक्ति उसके “छोटे-छोटे गोले” बनाता है और आते जाते “व्यक्तियों” पर वह “गोले” “फेंक कर” मारता है,“हंसी मजाक” करता है,उनके “वस्त्र” “गंदे” कर देता है,उसे यह करके बड़ा “आनंद” आता है और वही “दूसरा व्यक्ति” वह उस “माटी के डर” से अपने लिए एक “झोपड़ी” बनाता है,वही “झोपड़ी” जो उसे “धूप”,“वर्षा” “तूफान” में उसकी “रक्षा” करेगी,अब समझे आप यह “भाव” अत्यंत महत्वपूर्ण होते है, “प्रेम” में भी इस “भाव” का होना अत्यंत आवश्यक है,“प्रेम” चाहे “प्रेमिका” से हो,“मित्र” से हो, “माता-पिता” से हो,“भाई-बहन” से हो, “पत्नी” से या किसी और से भी हो,स्मरण रखिएगा... “प्रेम” भावी है जो आपका “भाग्य” भी “निर्धारित” करता है... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“24/12/2021”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 *#“प्रेम”* *#“भाव”*