"वर्षों से निरंतर चल रहे, इक रास्ते को आज मंजिल मिली हैं। सेवानिवृति के रूप में, ज़िन्दगी की नयी शुरुआत मिली हैं।" "होगी ना अब, दफ़्तर जाने की जल्दी। निभानी न पड़ेगी, मेज़ पर सजी ढ़ेरों फ़ाइलों से दोस्ती। अब ना कार्यों का आपस में, तालमेल बैठाना होगा। हर साल होती, विजिलेंस-ऑडिट का डर भी ना होगा।" "ना करना होगा हम सबकी, समस्याओं का समाधान। वर्षों से बंधे कार्यबंधन से, मिलेगा आपको पूर्ण आराम। अब फिर से एक उन्मुक्त, सफ़र का आगाज़ होगा। सूई के कांटे संग, अब ना दौड़-भागना होगा।" "अपनों के बीच रहकर, जीवन अब सिर्फ अपना होगा। छुट्टियों को लेकर, अब ना कभी चिंतित होना होगा। ख़ुद की इच्छाओं के लिए, अब तो वक्त ही वक्त होगा। दब चुकी आकांक्षाओं को, पूरा करने का इक मौक़ा होगा।" "हां !!! कल से कुछ चीजों में नए बदलाव आयेंगे। ढेरों आते कॉल्स दिन-ब-दिन कम हो जाएंगे। लेकिन कुछ दिन की चुभन के बाद, आप नयी ज़िंदगी के रंग में रंग जाएंगे।" ©शिखा शर्मा #सेवानिवृत्ति #Retirement