जो तुमसे मिल तो लिए हम, अब दूर जाने का ना है मन,जो तुमने मुझमे छोड़ा है कुछ अपना मन, भूल ना पाएंगे अब हम, तुमने मुझे सहारा दिया दो पल प्यार का नज़ारा जो दिया उसे अब कैसे भूल जाए हम, अब ये इश्क़ दोबारा तो नहीं होगा, मग़र तुम्हीं से कई बार किया है मेरा ये पागलपन, चलो अब जुदा तो होना ही है हमे, सताता जो रहता खोने से, निकाल दे अपना मन से डर!! 🌝प्रतियोगिता-35 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"खोने का डर"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I