love Story read captions मेरी किताब 7 मैं कल फिर गाना गुनगुनाते हुए जा रहा था । और अचानक दिवार पे नजर पड़ी वहां वही लिखा हुआ था । किसी दिन आओगे तुम तो याद जरूर आयेगी इस नाम से, वो दिवार खण्डहर हो गयी थी, और उसकी परत लटक रही थी, मगर शायद मेरा वो इन्तजार कर रही हो मैंने करीब से देखा और उसका और मेरा नाम पढ़ा और छू ही था की वो सिमन्ट गीर गयी, और उसके साथ हमारा नाम भी, मैं बहुत दिनों तक उस लड़की को उस शहर में खोजता रहा । सोसीयल साईट पे सब जगह देखा पर वो नहीं मिली, ना उसका कोई पता मिला । मैं काफी दिनों तक रहा उसके शहर में और उस हर जगह ढूँढने की कोशिश की पर शायद हमारे किस्मत में मिलना नहीं लिखा था । मैं हर बार की तरह ही कुछ बिना सोचे में घर को रवाना हो गया था ।ट्रैन का सफर था तो कुछ खाने पीने का सामान अपने पास लिया और चल पड़ा, मैं रेलवे स्टेशन जाता हूँ और ट्रैन का इन्तजार करने लग जाता हूँ, मेरी जैसे किसी का इन्तजार हो और दिल बेताब सा हो उससे मिलन को, मैं खुद रेलवे प्लेट फोरम पे कानो में ईयर फोन डाले घूम रहा था, थोडी देर बाद ट्रैन की आवाज आती हैं, मैं अपना लैग्ज उठा कर तैयार होता हूँ, क्यूं मेरी सिट s7 में थी, और मैं s10 से पिछे की और खड़ा था ।ट्रैन स्टेशन पे आती हैं और मेरे पास से गुजरती है की किसी का दुप्पटा उड़ कर मेरे चेहरे पे अटक जाता हैं, मैं जैसे ही सर हिला कर दुप्पटा सम्भालता हूँ तो देखता हूँ, वो लड़की अपने बालो को लहराते हुए, होठ हिला कर बता रही हो प्लीज ये वापस कर दो, पर इक दम मेरी नजर रुक जाती हैं उसके चेहरे पे कही वो ही लड़की तो नहीं हैं, मैं थोड़ा असहज स्थिति में हो जाता हूँ, की लड़की का दुप्पटा दूँ या पहले ट्रैन में चढ जाऊ पर फिर सोचता हूँ ,ये दुप्पटा दुँगा फिर अपनी बर्थ पे चला जाऊँगा पर मेरी किस्मत में आज कुछ और ही लिखा था । मैं कोच में चढ़ कर उसका दुप्पटा देता हूँ, और वो लड़की थैंक्स नहीं कहती हैं, उसके लबों पे नाम होता है तुम यहाँ इस जगह कैसे, मैंने कहां मैडम सब बाहर ही पुछ लोगी या अन्दर ही जाने दोगी तब कहती हैं, ओ सॉरी आ जाओ, मैं सिट पे जाकर अपना बैग रखता हूँ अाग और भी है कल होगा इसका कल Next episode... #yqbaba #yqdidi #sanjaychampapur #champapurmertacity #sad #love #मेरीडायरीकेकुछपन्ने