ज़िन्दगी के सफ़र में एक हमसफ़र मिला भी और शायद नहीं भी , शायद उसको हमको गलत और खुद को महान बताना था । जैसे उसको हमें जीवन का बहुत बड़ा पाठ पढ़ाना था , पता नहीं वो शायद ही क्यों आया । शायद हम उससे ना मिले होते , शायद हमारा जीवन ऐसा ना होता । शायद की यह शायद ना होता , फिर मैं और वो ना होते । भगवान का गणित तो कुछ और था , शायद हमारी ही अक्ल पर ताले थे । जो कभी हो ना सका , उसकी कल्पना की खुद को भुला कर सिर्फ उसको दुआओ में याद किया । इसलिए अब जीवन में इतने शायद है , काश कि वो शायद ना होता तो हमारा जीवन कुछ तो बेहतर होता । ©Short And Sweet Blog #flowers #mylife #Mylifeexperince #mylifemypoetry